MP के सभी संभागों में लगेंगे किसान मेले, भारतीय किसान संघ ने कहा- थैंक यू CM मोहन यादव

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Krishak Kalyan Mission: मध्य प्रदेश कृषक कल्याण मिशन का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, कृषि को जलवायु-अनुकूल बनाना, धारणीय कृषि पद्धतियों को अपनाना, जैव विविधता और परम्परागत कृषि ज्ञान संरक्षण, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना है.

Kisan Mela in MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने भारतीय किसान संघ (Bharatiya Kisan Sangh) के प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा है कि प्रदेश के सभी संभागों में इस वर्ष किसान मेले (Kisan Mela) आयोजित होंगे. इन मेलों में किसानों को कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी और पशुपालन से संबंधित विभिन्न कार्य पद्धतियों और नए अनुसंधान की जानकारी दी जाएगी. किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से संबंधित मार्गदर्शन दिया जाएगा. कृषि कार्यों से जुड़े आधुनिक उपकरणों को प्रदर्शित भी किया जाएगा. आगामी 3 मई को मंदसौर में किसान मेले का आयोजन जा रहा है. संभाग स्तरीय किसान मेलों के बाद अक्टूबर माह में एक वृहद राज्य स्तरीय किसान मेला भी आयोजित होगा. इस अवसर भारतीय किसान संघ ने प्रदेश में किसानों को 5 रुपए के शुल्क पर विद्युत कनेक्शन और फसलों पर बोनस राशि प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार व्यक्त किया.

अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का अभियान

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में एक वर्ष में दस लाख सौर ऊर्जा पम्प प्रदान करने का लक्ष्य है. यह कार्य अभियान के रूप में चलेगा. एक हॉर्स पॉवर से दस हॉर्स पॉवर तक सोलर पम्प स्थापना के लिए किसान को राशि जमा करवाकर निर्धारित अवधि में कनेक्शन दिए जाएंगे. प्रदेश में किसान खुद बिजली बनाएंगे.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि कृषक प्रतिनिधियों के सुझावों पर राज्य सरकार अमल करेगी. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को प्रदेश में गठित एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को सक्रिय करने,किसानों द्वारा नरवाई जलाने को निरूत्साहित करने और रासायनिक खाद के उपयोग को कम करने के संबंध में निर्देश दिए. बैठक में बड़ी परियोजनाओं के लिए किसानों की भूमि लेने पर बदले में भूमि देने के प्रावधान, किसान को हिस्सेदार और मालिक बनाकर उनका हित सुनिश्चित करने, दूध पर बोनस, कम पानी से सिंचाई से मक्का उत्पादन को प्रोत्साहित करने, गौशालाओं के अंतर्गत आधुनिक तकनीक से संचालन, उच्च शिक्षा में कृषि विषय के अध्ययन और जिलों में पर्याप्त पशु चिकित्सकों की व्यवस्था के संबंध में चर्चा हुई.